अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विवादित कारोबारी जेफरी एपस्टीन के बीच संबंधों को लेकर चल रहा विवाद नए मोड़ पर पहुंच गया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ट्रंप ने 2003 में एपस्टीन को उनके 50वें जन्मदिन पर एक बर्थडे लेटर भेजा था। इस पत्र के सार्वजनिक होने के बाद ट्रंप ने साफ शब्दों में इन आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उन्होंने एपस्टीन को कभी कोई पत्र नहीं भेजा। उन्होंने यह भी कहा कि वे महिलाओं की फोटोज़ नहीं बनाते और अपने पूरे जीवन में ऐसा कुछ नहीं किया है। उन्होंने फर्जी खबरें फैलाने के लिए वॉल स्ट्रीट जर्नल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की भी बात कही है।
एलन मस्क और जेडी वेंस ने भी वॉल स्ट्रीट जर्नल की आलोचना की
ट्रंप के समर्थन में मेटा के पूर्व CEO एलन मस्क और रिपब्लिकन सांसद जेडी वेंस ने भी वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट की आलोचना की है। मस्क ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि यह पत्र ‘फर्जी’ प्रतीत होता है। वहीं, जेडी वेंस ने लिखा कि यह खबर पूरी तरह बकवास है और ऐसी रिपोर्टिंग के लिए मीडिया को शर्म आनी चाहिए। उन्होंने जर्नल से पत्र को सार्वजनिक करने की मांग भी की।
ट्रंप जांच के लिए स्पेशल प्रॉसिक्यूटर नियुक्ति पर असमर्थ
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा है कि ट्रंप ने जेफरी एपस्टीन मामले की जांच के लिए किसी स्पेशल प्रॉसिक्यूटर की नियुक्ति की सिफारिश नहीं की है। ट्रंप ने अमेरिका के अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी से कहा है कि यदि एपस्टीन से जुड़े विश्वसनीय सबूत हैं तो उन्हें सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने न्याय विभाग और FBI से भी अपील की है कि वे मामले की पूरी जांच करें ताकि सच सामने आ सके।
जेफरी एपस्टीन केस की पृष्ठभूमि
जेफरी एपस्टीन एक विवादित फाइनेंसर थे, जिनपर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और तस्करी के गंभीर आरोप लगे थे। कई हाई-प्रोफाइल शख्सियतों के उनके संपर्कों की भी बात सामने आई थी। साल 2005 में फ्लोरिडा में एक 14 साल की लड़की द्वारा दायर यौन शोषण की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की। जांच में करीब 36 नाबालिग लड़कियों के शोषण के मामले सामने आए।
2008 में फ्लोरिडा की कोर्ट ने एपस्टीन को नाबालिग से वेश्यावृत्ति कराने के दो आरोपों में दोषी ठहराया और 18 महीने की सजा सुनाई, लेकिन 13 महीने बाद ही वे रिहा कर दिए गए। 2019 में न्यूयॉर्क में पुनः यौन तस्करी के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।
जेफरी एपस्टीन की मौत और विवाद
10 अगस्त 2019 को मैनहट्टन जेल में एपस्टीन की मौत हो गई, जिसे आत्महत्या करार दिया गया। उनकी मौत के बाद उनके ठिकानों की तलाशी में मिले दस्तावेजों में ट्रंप द्वारा भेजे गए कथित बर्थडे लेटर का दावा किया गया है। इस पत्र ने ट्रंप की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं और मामले को और जटिल बना दिया है।
अभी बाकी है मामला
डोनाल्ड ट्रंप ने साफ किया है कि वे इस आरोप को स्वीकार नहीं करते और इस पर कानूनी कदम उठाने को तैयार हैं। वहीं, एलन मस्क और जेडी वेंस जैसे प्रभावशाली लोग भी ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं। अमेरिकी न्याय विभाग और FBI की जांच जारी है, और जैसे-जैसे मामले में नए सबूत और दस्तावेज सामने आएंगे, ट्रंप और एपस्टीन के विवाद का रंग-रूप और साफ होगा।
यह मामला अमेरिकी राजनीति और सोशल मीडिया दोनों में गरमाता जा रहा है, जहां ट्रंप के समर्थक और विरोधी दोनों अपनी-अपनी राय सोशल मीडिया पर मुखरता से व्यक्त कर रहे हैं। आने वाले समय में इस केस की जांच और मीडिया कवरेज पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।